DainikUpdate.com says
You want to join with us for the future update?
Telegram Whatsapp
Post Name : Purnia Banmankhi Prahlad Mandir:- क्या बिहार के इस गांव से ही हुई थी होलिका दहन की शुरुआत? भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार यही हुए थे।
Post Date : March 05, 2023
Description : Purnia Banmakhani Prahlad Mandir, क्या बिहार के इस गांव से ही हुई थी होलिका दहन की शुरुआत? भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार यही हुए थे।

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका मेरे इस न्यू आर्टिकल में। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि पूर्णिया के बनमनखी के पास जिला मुख्यालय से करीब 32 किलोमीटर की दूरी पर एनएच 107 के किनारे बनमनखी अनुमंडल के धरहरा सिकलीगढ़ में भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार स्थल मौजूद है इसकी क्या मान्यताएं हैं। इसकी चर्चा हम इस आर्टिकल में करने का प्रयास करेंगे। जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Lord Vishnu nursingh Avatar:- अनेक पौराणिक कथाओं के मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की की कहानियां हमें सुनने को मिलती है। जिसमें से एक कहानी के अनुसार भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को उसके पिता हिरण्यकशिपु ने बहुत बार मारने का प्रयास किया जिसमें वह असफल हो जाते थे। कथित मान्यताओं के अनुसार हिरण्यकशिपु अपने नाम का जाप करने के लिए कहते थे। परंतु उनके पुत्र भगवान श्री विष्णु की पूजा अर्चना करते थे। उनका कहना था कि भगवान श्री विष्णु हमारे जीवन आधार है। किसी बात से क्रोधित होकर उसके पिता ने उसे मनाने का आदेश अपनी सेनाओं को दे दिया। कई बार असफल होने के बाद उसने यह कार्य अपनी बहन होलिका को दिया। कथित मान्यताओं के अनुसार होलिका को ब्रह्मदेव के द्वारा एक चादर दी गई थी जिसे ओढ़ कर वह अग्नि में नहीं जल सकती। होलिका अपने भाई की आज्ञा का पालन करते हुए प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई। जिसमें वह खुद ही जलकर राख हो गई। प्रह्लाद का बाल तक बांका नहीं हुआ। कहा जाता है इसके पश्चात भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार धारण कर खंभे से प्रकट हुए इसके बाद हिरण्यकशिपु को गोधूलि बेला में घर की चौखट पर अपनी जांग पर रखकर नाखूनों से चीर कर उसका वध किया। उसके बाद से देश और विदेश में होलिका दहन की परंपरा आरंभ हुई। यह प्रतिवर्ष सरकारी स्तर पर पूरे धूमधाम से होलिका दहन महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसका एक साक्षात प्रमाण पूर्णिया शहर के बनमनखी में आज भी मौजूद है जो इस बात को मानने के लिए मजबूर कर देते हैं कि भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार यहीं पर हुआ था। होलिका दहन या बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दूर-दूर से लोग होलिका दहन देखने के लिए आते हैं। कहां जाता है 1411 इंच लंबा वही खंबा वहां मौजूद है जिससे भगवान प्रकट हुए थे।

जो एक निश्चित कोण पर अपने अक्ष से झुका हुआ है जिस का आधा भाग जमीन के अंदर है। जो जिला मुख्यालय से करीब 32 किलोमीटर की दूरी पर एनएच 107 के किनारे बनमनखी अनुमंडल के धरहरा सिकलीगढ़ में भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार स्थल मौजूद है। पुरातत्व की खुदाई के बाद स्तंभ के पास से कई सिक्के मिले हैं इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने इसके आस - पास की खुदाई पर रोक लगा रखी है। हालांकि अब यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है।

Purnia Banmakhani Prahlad Mandir:- क्या बिहार के इस गांव से ही हुई थी होलिका दहन की शुरुआत? भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार यही हुए थे।

जहां हर साल बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ होलिका दहन का उत्सव मनाया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां कई फिल्में भी शूटिंग हो चुकी है और होलिका दहन के समय यहां हजारों लोग उपस्थित रहते हैं और धूल मिट्टी रंगों से होली खेलते हैं। साथ ही स्थानीय लोगों की मान्यताओं के अनुसार मंदिर में धुरखेल की होली खेलने वालों की मुरादे भगवान के कानों तक पहुंचती है। जिसमें लोग राख की होली खेलते हैं। 

Purnia Banmakhani Prahlad Mandir:- क्या बिहार के इस गांव से ही हुई थी होलिका दहन की शुरुआत? भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार यही हुए थे।

Social Media
Telegram Join
Whatsapp Join
Trending News
Latest News

©Copyright 2023 Dainik Update - All right reserved.